हिमाचल प्रदेश में 23 दवाओं के सैंपल फेल होने पर मचा हड़कंप, इन कंपनियों के नाम शामिल


हिमाचल प्रदेश में बनी 23 दवाइयां केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के द्वारा सैंपल की जांच में फेल होने के बाद प्रदेश में फार्मा कंपनियों में हड़कंप मच गया है। ये दवाएं हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाती हैं, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

वापस मंगाने का आदेश

राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि CDSCO के अलर्ट के बाद सभी दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फेल हुई दवाओं का स्टॉक देशभर से वापस मंगवाएं। हिमाचल प्रदेश में बनी दवाएं पूरे देश में सप्लाई की जाती हैं, इसलिए यह कदम आवश्यक था।

जांच का विवरण

CDSCO और स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने सितंबर 2023 में विभिन्न दवा निर्माता कंपनियों के सैंपल भरे थे। CDSCO की जांच में 49 में से 20 सैंपल फेल पाए गए, जबकि राज्य ड्रग कंट्रोलर की जांच में 18 में से 3 सैंपल फेल हुए।

फेल हुए सैंपलों की सूची

  • ऑक्सीटोसिन: यह दवा प्रसव पीड़ा को तेज करने और डिलीवरी के बाद रक्तस्राव को कम करने के लिए उपयोग होती है। सिरमौर की पुष्कर फार्मा कंपनी की ऑक्सीटोसिन दवाई के सैंपल फेल हुए हैं।
  • कैल्शियम ग्लूकोनेट: यह दवा हार्ट अटैक के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होती है। बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी में बनी कैल्शियम ग्लूकोनेट भी मानकों पर खरी नहीं उतरी है।
  • इफोस्फामाइड: कैंसर की इस दवा के सैंपल भी क्वालिटी फार्मास्यूटिकल कंपनी से फेल हुए हैं। यह दवा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होती है।

अन्य फेल हुए दवाओं में शामिल हैं:

  • निमोनिया की सेफ्ट्रिएक्सोन
  • संक्रमण की जेंटामाइसिन
  • ब्लड शुगर की जेनरिकार्ट
  • निमेसुलाइड (इनोवो केपटेप कंपनी)
  • सिप्रोविन (सेलीब्रेटी बायोटेक कंपनी)
  • मोटोसेप (ऐरिसो फार्मास्युटिकल कंपनी)
  • प्रोमेथाजिन (नितिन लाइफ साइंस)
  • टोर्सेमि (जेएम लैब)
  • न्यूरोकेम (क्लस्टा फार्मास्युटिकल)
  • इंडक्लेव (वेडस्प फार्मास्युटिकल)
  • स्टे हैप्पी ट्रिपसिन (ट्रिविजन हेल्थ केयर)

नतीजा

हिमाचल प्रदेश के सोलन और सिरमौर जिलों में बड़ी संख्या में फार्मा कंपनियां हैं, जो न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी दवाएं सप्लाई करती हैं। इस स्थिति ने न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है, बल्कि दवा निर्माताओं के लिए भी एक चुनौती प्रस्तुत की है। राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।