हिमाचल प्रदेश को मिली नई सौगात — चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में शुरू हुआ प्रदेश का पहला गैस से चलने वाला आधुनिक संस्कार केंद्र


धर्म, परंपरा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया। कांगड़ा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में प्रदेश का पहला गैस से संचालित आधुनिक संस्कार केंद्र आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया गया है। यह सुविधा न केवल अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अधिक सहज, स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी, बल्कि यह धार्मिक आस्थाओं और आधुनिक तकनीक के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण भी पेश करती है।

इस अत्याधुनिक संस्कार केंद्र की शुरुआत के साथ प्रदेश सरकार ने यह संदेश दिया है कि परंपराओं का सम्मान करते हुए भी हम पर्यावरण की रक्षा के लिए आधुनिक उपाय अपना सकते हैं। लकड़ी आधारित पारंपरिक प्रणाली की तुलना में गैस आधारित यह तकनीक कम प्रदूषण, कम ईंधन खपत और तेज प्रक्रिया जैसी विशेषताओं से युक्त है।

स्थानीय प्रशासन और धर्मस्थल ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से की गई इस पहल को आम लोगों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे "हरित क्रांति की ओर एक सराहनीय कदम" बताया है।

चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में स्थापित यह संस्कार केंद्र आने वाले समय में प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में ऐसे और केंद्र स्थापित किए जाएं ताकि हरित हिमाचल के लक्ष्य को साकार किया जा सके।